‘पुष्प की अभिलाषा’ के रचनाकार, श्री माखनलाल चतुर्वेदी

माखनलाल चतुर्वेदी (4 अप्रैल 1889-30 जनवरी 1968) सरल भाषा व ओजपूर्ण भावनाओं के रचनाकार माखनलाल चतुर्वेदी की कविताओं में देशप्रेम, प्रकृति व प्रेम का अनूठा चित्रण है. राष्ट्रीयता उनके काव्य का कलेवर और रहस्यात्मक प्रेम उसकी आत्मा है. हिमकिरीटीनी, हिमतरंगिणी, युग चर, समर्पण, बीजुरी जैसी कई लोकप्रिय रचनाएँ हैं. कवि पं. माखनलाल चतुर्वेदी पर अंग्रेजी ने राजद्रोह का केस चलाया। उन्हें बिलासपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। इस दरमियान 28 फरवरी 1922 को उन्होंने अपनी मशहूर कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ लिखी।

माखनलाल चतुर्वेदी (4 अप्रैल 1889-30 जनवरी 1968)

सरल भाषा व ओजपूर्ण भावनाओं के रचनाकार माखनलाल चतुर्वेदी की कविताओं में देशप्रेम, प्रकृति व प्रेम का अनूठा चित्रण है. राष्ट्रीयता उनके काव्य का कलेवर और रहस्यात्मक प्रेम उसकी आत्मा है. हिमकिरीटीनी, हिमतरंगिणी, युग चर, समर्पण, बीजुरी जैसी कई लोकप्रिय रचनाएँ हैं.

कवि पं. माखनलाल चतुर्वेदी पर अंग्रेजी ने राजद्रोह का केस चलाया। उन्हें बिलासपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। इस दरमियान 28 फरवरी 1922 को उन्होंने अपनी मशहूर कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ लिखी।