राजीव गांधी किसान न्याय योजना

भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान इस देश की एक महत्वपूर्ण अंग है। यहां हर राज्य के लोग अलग–अलग तरह की खेती से जुड़े हुए हैं। इसमें से एक राज्य छत्तीसगढ़ भी है यहां के लगभग 70 प्रतिशत आबादी किसानो की है जिनका मुख्य फसल धान है इसीलिए छत्तीसगढ़ को भारत का धान […]

भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान इस देश की एक महत्वपूर्ण अंग है। यहां हर राज्य के लोग अलग–अलग तरह की खेती से जुड़े हुए हैं। इसमें से एक राज्य छत्तीसगढ़ भी है यहां के लगभग 70 प्रतिशत आबादी किसानो की है जिनका मुख्य फसल धान है इसीलिए छत्तीसगढ़ को भारत का धान का कटोरा कहा जाता है।

साल 2018 के अपने चुनावी घोषणा को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2500 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदी शुरू की लेकिन केंद्र सरकार का कुछ नियम बीच में आ गया जिसके बाद 21 मई 2020 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पुण्य तिथि पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की गई थी । सरकार धान खरीदी से पहले एक समर्थन मूल्य तय करती है और ध्यान खरीदने के बाद समर्थन मूल्य को किसानों के खाते में डालती है और बाकी के 5 या 6 सौ रुपए बोनस के रूप में 4 किस्त में किसानों की बैंक खाते में डालती हैं। योजना का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और किसानों को आर्थिक रूप से सहायता देना है। भूपेश सरकार की ऐसे ही कल्याणकरी योजनाओं से छत्तीसगढ़ के किसान उत्साहित हैं और राज्य में किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है ।

एक समय ऐसा भी आया था जब किसान को अपने फसल का उचित मूल्य भी नहीं मिलता था। किसान अपनी और अपने परिवार के लोगों की जरूरतें को भी पूरा नहीं कर पा रहा था यहां तक कि अपना बिजली बिल भी नही पटा पा रहे थे और इसीलिए कई जगहों से किसानों की आत्महत्या की खबरें भी आती थी।